उज्जैन श्मशान में चौंकाने वाला मामला: बिना शव के पिता-पुत्र ने दिखाया मृतक का दाह संस्कार, पुलिस ने की जांच; पिता-पुत्र के खिलाफ हो सकती है कानूनी कार्रवाई!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया: 

उज्जैन के चक्रतीर्थ श्मशान में 16 सितंबर को एक असामान्य मामला सामने आया, जिसमें नीमच निवासी यूनिक जैन और उनके पिता ज्ञानचंद जैन बिना किसी शव के लकड़ी-कंडे जलाकर मृतक का दाह संस्कार दिखाने पहुंचे। इस घटना की जानकारी श्मशान कर्मचारी की शंका के कारण पुलिस तक पहुंची और जांच में पूरे मामले का खुलासा हुआ। फिलहाल इस मामले में पुलिस ने अभी तक कोई प्रकरण दर्ज नहीं किया है।

शर्मसार करने वाली शंका

श्मशान कर्मचारी तरुण खत्री ने रसीद पर मृतक का पूरा नाम और पता बड़ी बारीकी से लिखते देख शंका जताई। जब उन्होंने दोनों से बाहर पूछताछ की तो पाया कि शव मौजूद नहीं है। इसके बाद श्मशान कर्मचारी ने जीवाजीगंज पुलिस को सूचना दी।

पूछताछ में खुला राज

जीवाजीगंज थाना प्रभारी विवेक कनोडिया ने बताया कि यूनिक और उनके पिता जिस लालचंद के शवदाह के लिए लकड़ी-कंडे मांग रहे थे, उनकी मौत 15 सितंबर 2024 को हुई थी। पूछताछ में पिता-पुत्र ने बताया कि उन्हें समग्र आईडी और अन्य दस्तावेज बनवाने के लिए लालचंद का मृत्यु प्रमाणपत्र और श्मशान की रसीद आवश्यक थी।

पिता-पुत्र ने बताया कि पिछले साल बनी रसीद और मृत्यु प्रमाणपत्र खो गया था। किसी ने उन्हें सलाह दी कि श्मशान से नई रसीद बनवाकर वे मृत्यु प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकते हैं। चूंकि पुरानी तारीख की रसीद अब नहीं बन सकती थी, इसलिए उन्होंने नकली शवदाह दिखाने का उपाय अपनाया।

तारीख मिलाकर रसीद बनवाने का प्रयास

पुलिस के अनुसार पिता-पुत्र ने रसीद की तारीख वास्तविक दाह संस्कार की तारीख से मिलाकर बनवाने की कोशिश की। लालचंद की मृत्यु 15 सितंबर 2024 को हुई थी और 16 सितंबर को उसका दाह संस्कार किया गया था। पुलिस ने बताया कि अगर इस रसीद का उपयोग जमीन या बैंक से धन निकालने के लिए किया गया, तो दोनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस ने कहा कि इस तरह के मामलों में श्मशान और मृतक से संबंधित दस्तावेजों की सत्यता का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। नकली रसीद बनवाने और दस्तावेजों में गड़बड़ी करने के मामले में आरोपी पिता-पुत्र को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

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